Friday, June 28, 2019

चर्चा में रहे लोगों से बातचीत पर आधारित साप्ताहिक कार्यक्रम

आप कैसे जानेंगे कि आप बर्नआउट के क़रीब हैं और चुनौतीपूर्ण समय से गुज़र रहे हैं?
मरे कहती हैं, "तनाव वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है और बेताबी हमें अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करती है."
"लेकिन जब हम लगातार तनाव और बेचैनी से गुजरते हैं और हमें इनसे फुरसत नहीं मिलती तब यह बर्नआउट में बदलने लगता है."
मिसाल के लिए, उस बड़े प्रोजेक्ट के बारे में सोचिए जिस पर आप काम कर रहे हैं. उसके बारे में सोचने से उत्तेजना महसूस करना आम बात है. हो सकता है यह रात में भी आपको जगाए रखता होलेकिन यदि आप इस प्रोजेक्ट के ख़त्म हो जाने के बाद भी बेचैनी महसूस करते हैं तो जान लीजिए कि आप बर्नआउट के ख़तरे में हैं.
मरे कहती हैं, "अगले दिन भी अगर आप में वही बेचैनी है तो आप इसे लगातार बढ़ा रहे हैं."
बर्नआउट के करीब पहुंचने का एक और संकेत है चिड़चिड़ाहट.
अगर आप यह महसूस करने लगे हैं कि आपके काम की कद्र नहीं है, आप सामाजिक प्रतिबद्धताओं से बचने लगे हैं और निराशा आपको घेर रही है तो तो संभल जाइए.
लंदन की मनोचिकित्सक और बर्नआउट विशेषज्ञ जैकी फ्रांसिस वॉकर कहती हैं, "बर्नआउट की कगार पर खड़ा व्यक्ति भावनात्मक रूप से सुन्न और मानसिक दूरी महसूस करना शुरू कर देगा, मानो उसमें जीवन की सामान्य चीजों में शामिल होने की भी क्षमता न हो."
वॉकर बर्नआउट की एक अंतिम पहचान पर ध्यान देने की सलाह देती हैं. यह है काम की गुणवत्ता गिरने का अहसास.
वह कहती हैं, "लोग कहते हैं कि यह मैं नही हूं. मैं इस तरह नहीं हूं. मैं तो एक्स वाई ज़ेड सारे काम कर सकता हूं."
"लेकिन जाहिर है अगर शारीरिक क्षमता घट रही है तो वे सामान्य क्षमता से काम नहीं कर रहे."
मस्लक बर्नआउट इंवेंट्री (MBI) टेस्ट बर्नआउट मापने के लिए डिजाइन किया गया है.
सबसे व्यापक इस्तेमाल एमबीआई-जनरल सर्वे का होता है, जो थकान और चिड़चिड़ाहट के साथ-साथ यह भी मापता है कि काम करते हुए आप कितने बेहतर तरीके से सोच पाते हैं.
यह पहली बार 1981 में प्रकाशित हुआ था. तब से अब तक सैकड़ों अध्ययनों में इसे उद्धृत किया गया है.
हालांकि यह सबसे अच्छा रिज़ल्ट तब देता है बर्नआउट चरम पर हो, लेकिन कोई कारण नहीं कि बर्नआउट के करीब होने पर इसे आजमाया नहीं जा सकता.
बर्नआउट को रोकने का एकमात्र तरीका है इसकी जड़ को ख़त्म करना.
मरे पूछती हैं, "आपके जीवन में जो चल रहा है उसे आप अस्थायी या स्थायी रूप से होने दे सकते हैं? मिसाल के लिए, चिंता को छोड़कर ख़ूब नींद लेने से बर्नआउट के शारीरिक संकेतों से उबरा जा सकता है."
वॉकर तीन चरण का एक प्रोग्राम सुझाती हैं, जिसमें उस अंतर का पता लगाना शामिल होता है कि कोई व्यक्ति क्या करने की पेशकश करता है और जब उसे काम करने को कहा जाता है तो वह क्या महसूस करता है.
"कभी-कभी ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि वे परफ़ेक्ट होने की कोशिश करते हैं या फिर उन्हें इस बात का डर सताता है कि लोग उसे जितना काबिल समझते हैं उस पर खरा उतरने के लिए बहुत मेहनत की ज़रूरत पड़ेगी."
कभी-कभी काम के माहौल से भी समस्या होती है.
2018 में 7,500 अमरीकी श्रमिकों पर किए गए गैलप स्टडी के मुताबिक, काम के दौरान अनुचित व्यवहार, काम के असहनीय बोझ और किसी व्यक्ति की भूमिका के बारे में अस्पष्टता से बर्नआउट होता है.
श्रमिकों को मैनेजर से मदद न मिले और समय का अनुचित दबाव डाला जाए तो भी तनाव बढ़ता है.
वॉकर कहती हैं, "एक और मुद्दा कंपनी के मूल्यों का व्यक्तिगत मूल्यों से मेल न खाना भी हो सकता है. इससे तनाव और असंगति की भावना पैदा होती है, क्योंकि उन्हें वह करना पड़ता है जिसमें उनका विश्वास नहीं है."
कुछ मामलों में, लोग बाहर के कुछ काम करके ख़ुद को संतुष्ट कर लेते हैं, लेकिन कई बार वे कंपनी या पेशा बदल लेने का फ़ैसला कर लेते हैं.
बर्नआउट का कारण जो भी हो, मरे का सुझाव यही होता है कि अपने प्रति दयालु रहें.
मरे के अनुभव के मुताबिक बर्नआउट नामक महामारी का प्रमुख कारण सब चाहने की संस्कृति है.
कई बार यह मुमकिन नहीं होता कि आपका सामाजिक जीवन भी स्वस्थ रहे, आप बड़ी परियोजना भी पूरी करें और फिटनेस के अपने निजी लक्ष्यों को भी हासिल करें.
ऐसे में प्राथमिकता तय करना बहुत महत्वपूर्ण है. खुद से बहुत ज़्यादा की अपेक्षा न करें.
अगर दूसरे लोग घर और दफ़्तर में, निजी और सामाजिक जीवन में, हर जगह परिपूर्ण दिख रहे हैं तो शायद वे हमें गुमराह कर रहे हैं- या फिर उन्हें कहीं से बहुत मदद मिल रही है.
यदि आपको लगता है कि आप बर्नआउट क्लब में शामिल होने के करीब हैं तो एक कदम पीछे खींचिए, क्या ग़लत हो रहा रहा है उसकी पहचान कीजिए और ख़ुद को इसके चंगुल से बचा लीजिए.

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